Homeमनोरंजनलॉकडाउन में खुद को खत्म करना चाहते थे अमित कुमार मौर्या, कैमरामैन...

लॉकडाउन में खुद को खत्म करना चाहते थे अमित कुमार मौर्या, कैमरामैन से यूं बने पंचायत 3 के ‘बम बहादुर’

पंचायत 3 इस वक्त ओटीटी की सबसे पॉपुलर सीरीज है। इस शो का हर एक कैरेक्टर जबरदस्त तरीके से फेमस हुआ है। पंचायत के एक-एक किरदार ने लोगों के बीच अपनी छाप छोड़ी है। इसी में बम बहादुर का रोल भी लोकप्रिय हो चला है।  मौजूद 'पंचायत 3' (Panchayat 3) का हर किरदार लोगों के बीच हिट हो गया है। बड़े से बड़ा कैरेक्टर हो या छोटे से छोटा, डायरेक्टर दीपक मिश्रा की सीरीज की कहानी ने लोगों के दिलों पर छाप छोड़ी है। 'पंचायत 3' ओटीटी की मोस्ट अवेटेड सीरीज रही है। इसके पहले दो सीजन का फील और इमोशन तीसरे सीजन में देखने को मिल रहा है। इस बार के सीजन में कुछ नए चेहरे भी दिखे। 'विधायक जी' से लेकर 'सचिव जी' तक ने पहले सीजन से अब तक धाक जमाई। लेकिन किसी भी कहानी को पूरा करने में उसमें निभाया गया छोटे से छोटा किरदार भी अहमियत रखता है। 'पंचायत 3' में बम बहादुर का किरदार नया है, यह छोटा लेकिन इतना जबरदस्त कैरेक्टर है कि पंचायत देखने वाला हर व्यक्ति इससे खुद को जोड़ कर देख पा रहा है। महाराजगंज के अमित कुमार मौर्या ने 'बम बहादुर' का रोल प्ले किया है। 

'बम बहादुर' को मिला लोगों का प्यार

जितेंद्र कुमार और नीना गुप्ता स्टारर इस सीरीज में 'बम बहादुर' ने अपने किरदार से लोगों का खूब दिल जीता। विधायक को चुनौती देने वाले 'बम बहादुर' का दबंग अंदाज ही है, जो लोगों के दिलों में बस गया है। यह रोल छोटा, लेकिन ऐसा रहा कि लोग इसे भूले नहीं भूल पा रहे। लीक से हटकर इस किरदार को निभाने वाले अमित कुमार मौर्या ने यहां तक पहुंचने से पहले बहुत संघर्ष किया।

लॉकडाउन में झेला डिप्रेशन

अमित कुमार मौर्या ने बताया कि उन्होंने डिप्रेशन झेला है। उनकी लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया, जब वह खुद को खत्म करना चाहते थे। लॉकडाउन के दिनों में अमित एक साल तक घर में ही रहे। उनके पास काम नहीं था और वह नौकरी करना भी नहीं चाहते थे। उन्हें तो शुरू से एक्टर ही बनना था।

खुद को खत्म करना चाहते थे अमित कुमार मौर्या

अमित को नौकरी में दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन खाली बैठे होने की वजह से उनमें नकारात्मकता भी हावी हो गई थी। अमित ने बताया कि वह अपनी जिंदगी खत्म करना चाहते थे। उनके सपने बहुत बड़े थे। वह ग्लैमर वर्ल्ड का जाना माना नाम बनना चाहते थे। लेकिन नॉन फिल्मी बैकग्राउंड के होने के नाते कुछ समझ नहीं आ रहा था कि एक्टिंग लाइन में शुरुआत कैसे करनी है। अमित के पिता चीनी मिल कार्यकर्ता थे। मां आशा देवी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। इस लिहाज से परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं थी। लेकिन वो कहते हैं न कि किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है। अमित के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe