Homeराज्यछत्तीसगढ़बल्दाकछार में मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर त्वरित अमल

बल्दाकछार में मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर त्वरित अमल

रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा 9 मई को सुशासन तिहार के दौरान ग्राम बल्दाकछार में की गई घोषणाएं अब धरातल पर उतरने लगी हैं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के अनुरूप जिला प्रशासन ने तीव्रता से कार्यवाही करते हुए संबंधित विभागों को तत्काल सर्वे एवं योजना निर्माण के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशन में आज जल संसाधन विभाग और क्रेड़ा (CREDA) विभाग के अभियंताओं की टीम बल्दाकछार पहुंची। टीम ने दो अहम कार्योंकृमहानदी तट पर तटबंध निर्माण और ग्राम में हाई मास्ट लाइट की स्थापना के लिए सर्वे की प्रक्रिया प्रारंभ की।

बाढ़ से सुरक्षा के लिए पक्का तटबंध
हर वर्ष महानदी की बाढ़ से कटाव झेल रहे बल्दाकछार गांव के लिए राहत भरी खबर है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, ग्राम को कटाव से सुरक्षित रखने के लिए महानदी के दाएं तट पर पक्के तटबंध का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। प्रारंभिक सर्वे के अनुसार, लगभग डेढ़ किलोमीटर लम्बाई में 5 मीटर स्लांट हाइट के साथ सीमेंट-कांक्रीट संरचना बनाई जाएगी, जिससे कटाव को रोका जा सकेगा। इस कार्य की अनुमानित लागत 888 लाख रुपये है।

गांव में रोशन होगा अंधेरा: हाई मास्ट लाइट योजना
मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए क्रेड़ा विभाग ने भी ग्राम में हाई मास्ट लाइट लगाने हेतु स्थल का चयन कर लिया है। इंजीनियरों ने सरपंच व ग्रामीणों के साथ मिलकर गुड़ी चौक और कमारपारा को उपयुक्त स्थल माना है। संबंधित प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है।

जनता की आवाज पर संवेदनशील निर्णय
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के दौरान बल्दाकछार में आकस्मिक निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों की समस्याएं सुनी थीं। जनता की प्राथमिकताओं को समझते हुए उन्होंने त्वरित घोषणाएं कीं और अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे। अब प्रशासन द्वारा किए जा रहे तत्पर प्रयास इस बात का प्रमाण हैं कि मुख्यमंत्री की घोषणाएं महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि कार्य रूप में परिणित हो रही हैं।

बल्दाकछार में शुरू हुई ये पहल न केवल गांव की सुरक्षा और विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शासन की संवेदनशीलता और जवाबदेही का भी प्रमाण है। जनता से किये वादों को त्वरित अमल में लाकर शासन ने यह सिद्ध किया है कि छत्तीसगढ़ में सुशासन अब केवल शब्द नहीं, एक साकार होती प्रक्रिया है।

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