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निमाड़ में आएगी हरित क्रांति:1000 करोड़ की योजना पारित, अहिल्या नगरी की हरयाली को लगेंगे चार-चांद

खरगोन: लोकमाता अहिल्या देवी होलकर की राजधानी कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के महेश्वर में मोहन सरकार की कैबिनेट ने विकास योजनाओं पर मंथन किया. अहिल्या देवी की 300वीं जयंती पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना के साथ लोकमाता अहिल्या देवी की प्रतिमा का अनावरण किया गया. सरकार ने अहिल्या की नगरी में 1000 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की घोषणा की. 982.59 करोड़ रुपये की महेश्वर जानापाव माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का नामकरण माता अहिल्या बाई के नाम पर करने की घोषणा की गई. इससे न सिर्फ खरगोन बल्कि इंदौर और धार जिले के 123 गांवों के 28 हजार हेक्टेयर खेतों को पानी मिलेगा. इससे हरियाली के साथ आदिवासियों के पारंपरिक हुनर ​​को भी पंख लगेंगे. महेश्वर में सिंचाई योजना बनने से मां नर्मदा का पानी निमाड़ के वंचित क्षेत्र की धरती को हरा-भरा कर देगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुनकरों से चर्चा की और उनके हुनर ​​को आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया. इससे बुनकरों के साड़ी व्यवसाय को नई संजीवनी मिलेगी। विकास कार्यों के लिए 1042.24 करोड़ रुपये की लागत के कुल 27 कार्यों का लोकार्पण/शिलान्यास करते हुए उन्होंने क्षेत्र की जनता को सौगात दी।

नारी शक्ति: परित्यक्त बहनों को दो-दो लाख देने के फैसले को हरी झंडी

इस दौरान मोहन यादव ने लोकमाता अहिल्याबाई की धार्मिक नगरी में महिला सशक्तिकरण के लिए योजना की घोषणा भी की। उन्होंने परित्यक्त बहनों के लिए मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत विवाह के लिए 2 लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने कुएं और बगीचे बनवाए थे, इसलिए अस्थायी कनेक्शन वाले 2 लाख किसान जो 3 से 5 हॉर्स पावर के पंप का उपयोग करते हैं, उन्हें सोलर पंप दिए जाएंगे, जिससे उन्हें मुफ्त बिजली मिलेगी। दूसरे चरण में शेष 30 लाख अस्थायी कनेक्शन धारकों को सोलर पंप देने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया है।

मंत्रोच्चार से गूंजा अहिल्या देवी घाट

मुख्यमंत्री मोहन यादव सबसे पहले मंत्रिमंडल के साथ अहिल्या देवी घाट पहुंचे, उन्होंने मां अहिल्या देवी की जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। ग्रुप फोटो सेशन कराया गया। इसके बाद मां दुर्गा घाट पर पूजा-अर्चना कर सीडीओ को अहिल्या घाट पर 121 कलश अर्पित किए गए और 21 पंडितों द्वारा मां नर्मदा का पूजन किया गया। इस दौरान मंत्रिमंडल के साथ घाट पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, जगदीश देवड़ा, पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल, क्षेत्रीय सांसद और विधायक भी मौजूद रहे।

घाट से ट्रैवलर बस में बैठकर मंत्रिमंडल स्थल के लिए रवाना हुए

घाट पर पूजा-अर्चना करने के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के साथ ट्रैवलर बस में सवार होकर रवाना हुए। दोनों उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव के बगल वाली सीट पर एक साथ बैठे। इसके साथ ही मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री उनके पीछे सवार हुए। नर्मदा पूजन के बाद सभी मंत्री सीधे मंत्रिमंडल की बैठक में चले गए।

व्यापारियों ने मालाएं लेकर मंत्रियों का स्वागत किया

अहिल्या देवी घाट पर पूजा अर्चना के बाद सीएम मोहन यादव के मंत्रिमंडल का काफिला नगर परिषद के सामने वाली सड़क से बाजार होते हुए मंत्रिमंडल स्थल पहुंचा। जगह-जगह व्यापारी और रहवासी स्वागत के लिए खड़े रहे। काफिला धीमा न होने से वे मायूस दिखे। कई व्यापारियों ने निमाड़ी भाषा में कहा कि सरकार पैदल आती तो हम उनका स्वागत करते। इस दौरान काफिला देखने के लिए लोग चौराहों से लेकर गलियों तक खड़े रहे।

मंत्रियों के काफिले में अचानक आ गए मवेशी

मंत्रिमंडल स्थल से मंत्रियों का काफिला मंडलेश्वर के लिए रवाना हुआ। काफिला जैसे ही नगर पंचायत और बस स्टैंड चौराहे के बीच पहुंचा तो अचानक दो अलग-अलग स्थानों पर मवेशी आ गए। काफिला देखने के लिए सड़क के दोनों ओर व्यापारियों और ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। गनीमत रही कि वाहनों की तेज रफ्तार के बीच पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दो मवेशियों को किनारे कर दिया। एक मवेशी पुलिसकर्मी को रौंद चुका था। आधा काफिला निकालने के बाद आधा काफिला बस स्टैंड के पास फंस गया। दरअसल यह सब तब हुआ जब पुलिसकर्मियों को पता चला कि काफिला अब नहीं रहा लेकिन अचानक पीछे से पांच मंत्रियों की और गाड़ियां आ गईं।

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