Homeराज्यमध्यप्रदेशब्राह्मण या आदिवासी पर लग सकता है दांव

ब्राह्मण या आदिवासी पर लग सकता है दांव

भोपाल। मप्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जगह कौन लेगा, इसको लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है। अब प्रदेश में जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा शुरू हो गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निवार्चन की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और राज्यसभा सदस्य सुमर सिंह सोलंकी के नाम चर्चा में है। माना जा रहा है की समीकरणों को देखते हुए पार्टी ब्राह्मण या आदिवासी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के कार्यकाल को पांच साल हो गए है। उनके नेतृत्व में भाजपा ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत और लोकसभा चुनाव में पहली बार सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज की। अब भाजपा में रायशुमारी के बाद जिला अध्यक्षों की घोषणा शुरू कर दी है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के निवार्चन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वीडी शर्मा को संगठन केंद्र में बड़ी भूमिका दे सकता है। प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री के होने के चलते सामान्य या ब्राह्मण वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाने की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि संगठन आदिवासी चेहरे को भी मौका दे सकता है। इसका कारण लंबे समय से आदिवासी नेता को प्रदेश की कमान नहीं सौंपी गई है। एससी वर्ग से सत्यनारायण जटिया प्रदेश अध्यक्ष बने, लेकिन आदिवासी वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है। इसका एक कारण जातिगत समीकरण को ध्यान रखते हुए आदिवासी वर्ग को मौका देना भी माना जा रहा है। प्रदेश में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री होने के अलावा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ब्राह्मण और जगदीश देवड़ा एससी वर्ग से आते हैं। वीडी शर्मा सामान्य वर्ग से आते हैं।

 

ये नेता दौड़ में

फग्गन सिंह कुलस्ते
सात बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते इस दौड़ में सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रह चुके कुलस्ते को विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद लोकसभा का टिकट दिया गया। भाजपा में कुलस्ते आदिवासियों का बड़ा चेहरा है। ऐसे में एसटी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए दावेदार माने जा रहे हैं।

सुमेर सिंह सोलंकी
राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी युवा नेता हैं। उनकी आदिवासी समुदाय में अच्छी पकड़ है। वह भाजपा में संघ के करीबी माने जाते हैं। इसलिए उनका नाम भी रेस में है।

डॉ. नरोत्तम मिश्रा
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी प्रदेश अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनको महाराष्ट्र चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कई कांग्रेसी नेताओं का उन्होंने भाजपा में शामिल कराया।

 अरविंद सिंह भदौरिया
पूर्व मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया क्षत्रिय वर्ग से आते है। ब्राह्मण के बाद क्षत्रिय को मौका देने की चर्चा चल रही है। भदौरिया को केंद्रीय नेतृत्व के कुछ नेताओं का समर्थन भी है।  

 हेमंत खंडेलवाल
बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। वह प्रदेश संगठन में लंबे समय से काम कर रहे है। संगठन के ही वरिष्ठ नेताओं ने उनका नाम बढ़ाया है।

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