बिलासपुर
हत्या और हत्या के प्रयास के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं। इन घटनाओं की जांच में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर मामलों में अपराध की जड़ में नशा प्रमुख कारण रहा है। इस पर लगाम कसने पुलिस की ओर से नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
नशीली दवाओं के कारोबार से कमाई संपत्ति को जब्त किया जा रहा है। इससे आपराधिक घटनाओं में कमी आ सकती है। ये बातें आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने कही। उन्होंने पुलिस लाइन स्थित चेतना हाल में सालभर के आपराधिक घटनाओं और पुलिस की उपलब्धियों का लेखाजोखा पेश किया।
इस दौरान उन्होंने बताया कि रेंज में हत्या, हत्या के प्रयास और दुष्कर्म के मामले में बीते साल के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। इन मामलों की जांच में पता चला कि ज्यादातर मामलों में आपराधिक घटनओं को अंजाम देने वाले नशेड़ी किस्म के हैं या वारदात को अंजाम देते वक्त नशे में थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर से नशे के कारोबार पर लगाम कसने कड़ी कार्रवाई की जा रही है। नशे के कारोबार से कमाई संपत्ति को जब्त किया जा रहा है। उन्होंने बिलासपुर पुलिस की ओर से दो मामलों की गई कार्रवाई की तारीफ भी की। आईजी ने बताया कि रेंज में बीते साल की तरह इस बार भी 300 से अधिक मामले दर्ज कर नशीले पदार्थ जब्त किए गए।
ये हैं चार प्राथमिकताएं
अपराध रोकने नशे के अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।
चोरी के मामलों से 10 गुना संपत्ति साइबर अपराधी हड़प लेते हैं। इसे रोकने के लिए समय पर शिकायत करना आवश्यक है। कई बार जानकारी के अभाव में समय पर शिकायत नहीं कर पाते। अब हर थाने में प्रशिक्षित जवान रहेंगे। इससे पीड़ितों को तत्काल मदद मिल सकेगी।
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए इंजीनियरिंग में सुधार पर काम किया जाएगा। संबंधित कार्य एजेंसी से समन्वय बनाकर जरूरी सुधार कार्य कराएं जाएंगे। साथ ही जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्कूलों और शैक्षणिक संस्थाओं के साथ ही लोगों के बीच जाकर यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी।
पुलिस और जनता के बीच समन्वय के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर दिया जा रहा है। आम लोगों के बीच जाकर लोगों के अधिकार की जानकारी दी जाएगी। साथ ही विभिन्न आयोजन के माध्यम से साइबर फ्राड और अन्य जागरूकता के कार्यक्रम होंगे।
टैटू के सहारे पकड़े गए अंतरराज्यीय चोर
साल भर की उपलब्धियों को बताते हुए आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने कहा कि गंभीर मामलों में पुलिस की टीम ने सुलझाने विशेष जोर दिया है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में ज्वेलरी दुकानों को निशाना बनाने वाला गैंग सक्रिय रहा। इससे सराफा व्यवसायी भी दहशत में आ गए थे।
सीपत स्थित ज्वेलरी दुकान में चोरी के मामले की जांच के दौरान एसपी रजनेश सिंह ने एएसपी अनुज कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया। एएसपी अनुज कुमार ने रेलवे स्टेशन की लाइन में लगे व्यक्ति के हाथ पर बने टैटू के आधार पर चोरों की पहचान की। इसके बाद पूरा गैंग अब पुलिस की गिरफ्त में है।