नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल की आखिरी मन की बात के अपने 117वें एपिसोड में संविधान को अपनी सरकार का मार्गदर्शक बताया। पीएम मोदी ने बताया आने वाली जनवरी में भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, इस बड़े मौके का सम्मान करने के लिए सरकार ने एक राष्ट्रव्यापी अभियान बनाया है, जिसमें नागरिकों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए अपनी वीडियो साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी ने कहा, देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए एक विशेष वेबसाइट तैयार की गई है। आप संविधान को अपनी-अपनी भाषाओं में पढ़ सकते हैं और इससे संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं। मन की बात कार्यक्रम में 13 जनवरी से प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ कार्यक्रम के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि उपयोगकर्ताओं को कुंभ से संबंधित जानकारी तक पहुंचने के लिए एक एआई चैटबॉट 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल नेविगेशन की मदद से आप महाकुंभ 2025 में विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुंच पाएंगे। यही नेविगेशन सिस्टम आपको पार्किंग स्थानों तक पहुंचने में भी सहायता करेगा। पीएम मोदी ने महाकुंभ को एकता का महाकुंभ बताकर श्रद्धालुओं से अपील की कि वे समाज से नफरत और विभाजन को दूर करने का संकल्प लेकर इसमें शामिल हों। पीएम मोदी ने भारतीय फिल्मों के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर की सराहना कर कहा कि अगले साल 2025 भारत में आयोजित होने वाला वेव्स शिखर सम्मेलन, भारत को ग्लोबल कॉन्टेंट क्रिएशन का हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पीएम मोदी ने कहा, जब हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, तब हमारी क्रिएटर इकोनॉमी एक नई ऊर्जा ला रही है। मैं भारत के एंटरमेंट और क्रिएटिव इंडस्ट्री से आग्रह करूंगा कि आप वेव्स शिखर सम्मेलन का हिस्सा जरूर बनें। मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘महाकुंभ को एकता का महाकुंभ बताकर लोगों से आगामी भव्य धार्मिक समागम से समाज से नफरत और विभाजन को खत्म करने के संकल्प के साथ लौटने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात कार्यक्रम में कहा, ‘‘महाकुंभ का संदेश एक हो पूरा देश।
उन्होंने कहा, महाकुंभ की विशेषता न केवल इसकी विशालता बल्कि इसकी विविधता में भी है। यह विशाल धार्मिक आयोजन हर 12 साल में आयोजित होता है। पीएम मोदी ने कहा कि आगामी गणतंत्र दिवस संविधान के लागू होने की 75वीं वर्षगांठ होगी जो देशवासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है।