Homeविदेशभारतीय सैनिकों की वापसी के लिए क्या डील हुई? मुइज्जू का अभी...

भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए क्या डील हुई? मुइज्जू का अभी बताने से इनकार…

भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस भेजने की कसम खाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने दोनों देशों के बीच हुई ‘डील’ के बारे में बताने से साफ इनकार कर दिया है।

मालदीव सरकार ने कहा है कि वह मालदीव में तैनात 88 भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए भारत सरकार के साथ हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई।

मालदीव में तैनात लगभग 25 भारतीय सैनिकों का पहला जत्था भारत लौट आया है। ये सैनिक गिफ्ट में दिए गए हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहे थे।

दोनों पक्षों के बीच दो फरवरी को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले अपने सैनिकों को बुला लेगा।

समाचार पोर्टल Edition.mv की रिपोर्ट के अनुसार, मुइज्जू ने कहा है कि सैनिकों की वापसी के लिए सर्वसम्मति से भारत सरकार के साथ जिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, इस समझौते के तहत भारतीय सैनिकों को हटाने की प्रक्रियाएं आगे बढ़ रही हैं। हालांकि उन्होंने इस डील के बारे में बताने से इनकार कर दिया। 

यह खुलासा एक आरटीआई के तहत हुआ।

दरअसल Edition.mv की सहयोगी कंपनी मिहारू न्यूज ने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत दोनों देशों के बीच हुए समझौते पर जानकारी का अनुरोध करते हुए मालदीव के विदेश मंत्रालय में RTI डाली थी।

हालांकि, मंत्रालय की प्रतिक्रिया में कहा गया कि वे समझौते की कॉपी को पब्लिक नहीं कर सकते हैं। 

समाचार पोर्टल ने कहा कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के प्रशासन ने भी भारत के साथ हुए रक्षा समझौतों की जानकारी रोक दी थी।

इसका मुख्य कारण बताया गया था कि खुलासे से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने का डर है। हालांकि मुइज्जू ने वादा किया है कि वे अपने कार्यकाल के दौरान ही इस जानकारी को सबके सामने रख देंगे, लेकिन अभी नहीं बता पाएंगे। 

अपनी भारत विरोधी बयानबाजी के बाद, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 22 मार्च को सुलह का रुख अपनाते हुए कहा था कि भारत उनके देश का ‘‘करीबी सहयोगी’’ बना रहेगा और उन्होंने नई दिल्ली से द्वीपसमूह राष्ट्र को ऋण राहत प्रदान करने का आग्रह किया।

पिछले साल के अंत तक मालदीव पर भारत का लगभग 40 करोड़ नौ लाख अमेरिकी डॉलर का बकाया था।

पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से चीन समर्थक मालदीव के नेता मुइज्जू ने भारत के प्रति सख्त रुख अपनाया था और मांग की थी कि तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले भारतीय सैन्यकर्मियों को 10 मई तक उनके देश से वापस भेजा जाये।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe