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मुस्लिम समुदाय ने कई थाने में की महंत नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत, शहर काजी और MLA मसूद ने सौंपा ज्ञापन

भोपाल ।   इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद (सअस) को लेकर गाजियाबाद के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से देश दुनिया में रोष व्याप्त है। राजधानी भोपाल का मुस्लिम समुदाय भी इसी अवसाद से भरा हुआ है। इंसानियत और भाईचारे का पैगाम देने वाले पैगंबर हजरत मुहम्मद को लेकर की गई इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शहर के विभिन्न थानों पर महंत के खिलाफ शिकायती आवेदनों का सिलसिला शुक्रवार दिनभर चला। शनिवार को भी इस तरह की गतिविधियों के लिए आह्वान किया जा रहा है। इधर शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने लोगों से शांति, धैर्य और हर काम कानून की परिधि में करने की अपील शहरवासियों से की है। हजरत मुहम्मद सअस को लेकर पूर्व में कई बार आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके महंत यति नरसिंहानंद को देश की एकता, अखंडता, सद्भाव और सौहाद्र के खतरा बताते हुए मध्य विधायक आरिफ मसूद ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि महंत उस देश का सौहाद्र धूमिल करने पर उतारू हैं, जहां एक दूसरे के धर्म और आस्था की हमेशा फिक्र की जाती रही है। उन्होंने महंत के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।

इन्होंने भी दिया ज्ञापन

पूर्व पार्षद शाहवर मंसूरी और अमजद अंजुम के नेतृत्व में थाना तलैया पर आवेदन दिया गया। बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने महंत के खिलाफ सख्त धाराओं में कार्यवाही करने की मांग की। इसी तरह एडवोकेट मोहम्मद आबिद खान, सामाजिक कार्यकर्ता अनवर पठान समेत कई लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर पहुंचकर अलग अलग थानों में शिकायत दर्ज कराई। इधर शुक्रवार रात बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने थाना ऐशबाग में महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सामाजिक संगठन PRSRA के अध्यक्ष मोहम्मद जहीर ने बताया कि देश की शांति के लिए खतरा बन चुके महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने बड़ी संख्या में हिंदू मुस्लिम समुदाय के लोग थाना कोहेफिजा पहुंचे। उन्होंने बताया कि दोपहर इस प्रदर्शन के दौरान लोगों से शांति और धैर्य रखने का खास ख्याल रखा गया।

शहर काजी ने की शांति की अपील 

शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने सभी प्रदेशवासियों से  अपील की है कि सभी लोग अपने अपने एरिया के थानों में जाकर आप लोग ज्यादा से ज्यादा FIR करें। उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही के दौरान शांति बनाए रखें और किसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न करें। इधर सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे उस संदेश का उन्होंने खंडन किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी स्वयं थाना तलैया जाकर महंत यति के खिलाफ शिकायती आवेदन देंगे। जानकारी के मुताबिक शहर काजी ने दोपहर में पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है।

एक आह्वान यह भी 

आशिकाने रसूल अहले सुन्नत वल जमात समिति मध्यप्रदेश और उल्मा अहले सुन्नत काउंसिल भोपाल के तौकीर निजामी ने बताया कि सोमवार को 12 बजे से 2 बजे के बीच DGP मध्यप्रदेश को मौखिक एवं लिखित रूप में यति नरसिंहानंद पर FIR कराने का निवेदन करेंगे। अगर FIR नहीं की गई तो अगले चरण में घेराव, धरना, प्रदर्शन संविधान के दायरें में रहकर किया जायेगा।

मामले की गूंज दिल्ली तक 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने गृहमंत्री को पत्र लिखकर गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश) के डासना देवी मंदिर के महंत यती नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा मोहम्मद साहब की शान में की गई अत्यंत अपमानजनक और दिल दुखाने वाली टिप्पणियों की शिकायत की है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा की जा रही है, जिसमें पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के खिलाफ निंदनीय और शर्मनाक बातें कही गई हैं। इसे एक गैर-मुस्लिम व्यक्ति द्वारा अपने 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) हैंडल 'सनातन उषादल' से पोस्ट किया गया है। 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद  मदनी ने अपने पत्र में यती नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और इसे राष्ट्रीय अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा करार दिया है। मौलाना मदनी ने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि यती नरसिंहानंद नफरत फैलाने वाला व्यक्ति है, जो बार-बार इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलता रहा है। लेकिन इस बार उसने सभी हदें पार कर दी हैं, जिन्हें किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह बयान न केवल मुसलमानों की भावनाओं का अपमान है, बल्कि यह एक सोची-समझी योजना के तहत सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश है, जो देश की शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।

मौलाना मदनी ने मांग की है कि यती नरसिंहानंद के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए, साथ ही आपत्तिजनक वीडियो को बिना देरी के सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से हटाया जाए और इन प्लेटफार्मों को इस प्रकार की सामग्री के प्रसार पर कानूनी रूप से जवाबदेह ठहराया जाए। मौलाना मदनी ने यह भी मांग की कि नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली स्थापित की जाए, ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति या समूह धार्मिक व्यक्तित्वों या समुदायों को निशाना बनाकर देश की शांति को नष्ट न कर सके। मौलाना मदनी ने कहा कि भारत का संविधान हर धर्म का सम्मान करने की गारंटी देता है और इस प्रकार के नफरत भरे भाषण और बयान न केवल कानूनी दृष्टिकोण से अपराध हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी अत्यंत निंदनीय हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार तुरंत कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो इससे ऐसे तत्वों की हिम्मत बढ़ेगी।

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