नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बहुत से देश परिस्थितियों के कारण दुनिया से पीछे रह जाते हैं, लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं जिनके परिणामस्वरूप भयानक नतीजे होते हैं। जहां हम हम देखते हैं कि पाकिस्तान ने दूसरों पर जो बुराइयां थोपने की कोशिश की, वहीं बुराइयां आज पाकिस्तान को ही निगलने को तैयार है। वो बुराइयां ही उसके अपने समाज को नुकसान पहुंचा रही है। वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता। ये सिर्फ कर्मों का फल है।विदेश मंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से उनके कुकर्मों का असर दूसरों पर भी पड़ता है, खासकर पड़ोस पर। जब राजनीति अपने लोगों में कट्टरता भरती है, तो उनकी जीडीपी को सिर्फ कट्टरपंथ और आतंकवाद के रूप में मापा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दूसरों की जमीन पर लालच करने वाले एक निष्क्रिय राष्ट्र को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए।
जयशंकर ने विशेष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधा, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से की। जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद कभी सफल नहीं होगा। उन्होंने पड़ोसी देश को उसके काम के परिणामों की चेतावनी दी।
जयशंकर ने कहा कि हमने कल इसी मंच से कुछ विचित्र दावे सुने। मैं भारत की स्थिति को बहुत स्पष्ट कर दूं। सीमा पार आतंकवाद की पाकिस्तान की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे दंड से बचने की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि हमारे बीच समाधान किया जाने वाला मुद्दा ये है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराना। इस बीच एस जयशंकर ने अपने यूएनजीए भाषण के दौरान गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी बात की। जयशंकर ने 79वें यूएनजीए थीम लीविंग नो-वन विहाइंड का समर्थन करते हुए कहा कि हम यहां एक कठिन समय में एकत्र हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र को दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कदम उठाना चाहिए, उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह विदेशी प्रभावों की प्रतिस्पर्धा है, बल्कि इसलिए कि अगर हम इसी तरह चलते रहे, तो दुनिया की स्थिति और खराब हो जाएगी।
ये तो उसके कर्मों का फल है, दुनिया को दोष न दें: जयशंकर
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