Homeविदेशतालिबान पर चलेगा केस, महिलाओं से सख्ती ले डूबेगी; बचाव के लिए...

तालिबान पर चलेगा केस, महिलाओं से सख्ती ले डूबेगी; बचाव के लिए अदालत वक्त देने को तैयार…

अफगानिस्तान में महिलाओं पर जुल्म की इंतहा कर चुके तालिबान पर अब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में केस चलेगा।

कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और नीदरलैंड की सरकारों ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए तालिबान को लैंगिक भेदभाव के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाने का फैसला लिया है।

तालिबान के खिलाफ ऐक्शन के लिए 20 अन्य देशों का भी समर्थन है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाया गया यह कदम पहली बार है जब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में किसी देश द्वारा दूसरे देश पर लैंगिक भेदभाव के मुद्दे पर केस किया जा रहा है।

आईसीजे में सुनवाई से पहले तालिबान को जवाब देने के लिए छह महीने का समय मिलेगा। उधर, अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है।

साल 2021 में अफगानिस्तान सरकार को गिराकर तालिबान ने देश में सत्ता हथिया ली थी। इस वक्त अफगानिस्तान में हिबतुल्लाह अखुंदजादा के नेतृत्व में तालिबान की अंतरिम सरकार चल रही है। तालिबान ने सत्ता संभालने के बाद अफगानिस्तान में शिया कानून लागू किया।

इसमें तालिबान ने सभी आम लोगों को पाबंदियों की झड़ी लगा दी। सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर देखने को मिला।

महिलाओं पर हालिया जारी नए नियम में तालिबान ने आदेश लागू किया कि कोई भी महिला बिना घर के मर्द के घर से बाहर नहीं निकल सकती।

महिलाओं की आंखें तक ढकी होनी चाहिए। इसके अलावा ऑफिसों में दाढ़ी रखना अनिवार्य है। संगीत सुनने, फिल्म देखने और मेकअप पर भी पूर्ण पाबंदी है।

महिलाओं से सख्ती ले डूबेगी

अफगानिस्तान में महिलाओं से सख्ती तालिबान को ले डूबेगी। महिलाओं की शिक्षा पर छठी क्लास के बाद पाबंदी है। छोटी उम्र की लड़कियों को स्कूल भेजने की शर्त में लड़के और लड़कियों के अलग-अलग शिक्षण संस्थान होंगे। उन्हें सार्वजिनक स्थानों एवं अधिकतर नौकरियों से दूर कर दिया गया है।

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी और नीदरलैंड ने संयुक्त राष्ट्र महिला संधि का उल्लंघन करने को लेकर तालिबान के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने की तैयारी कर ली है।

अफगानिस्तान इस संधि का हिस्सा है। इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर बुधवार को यह पहल शुरू की। महासभा का यह सत्र न्यूयॉर्क में सोमवार तक चलेगा।

मिलेगा 6 माह का वक्त

आईसीजे में केस चलने से पहले तालिबान को 6 महीने का वक्त दिया जाएगा।

बीस से अधिक देशों ने तालिबान के खिलाफ प्रस्तावित कानूनी कार्रवाई के प्रति बृहस्पतिवार को अपना समर्थन व्यक्त किया है।

इन देशों ने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर व्यवस्थित तरीके से मानवाधिकार उल्लंघन खासकर महिलाओं एवं लड़कियों के साथ भेदभाव की निंदा करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन संबंधी संधि के तहत कई दायित्वों के निरंतर घोर और व्यवस्थित उल्लंघन को लेकर इस अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जिम्मेदार है।’’

वहीं, तालिबान के उप-प्रवक्ता हमदुल्ला फितरात ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा की जाती है और किसी को भेदभाव नहीं सहना पड़ता है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दुर्भाग्य से, देश से चली गईं (अफगान) महिलाओं के मुंह से अफगानिस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने और स्थिति को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया जा रहा है।’’

फितरात ने कहा कि अफगानिस्तान पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और लैंगिक भेदभाव का आरोप पूरी तरह गलत है।

The post तालिबान पर चलेगा केस, महिलाओं से सख्ती ले डूबेगी; बचाव के लिए अदालत वक्त देने को तैयार… appeared first on .

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe