Homeराज्यछत्तीसगढ़बिलासपुर की नन्ही सजल का हाथ इटली के परिवार ने थामा ,...

बिलासपुर की नन्ही सजल का हाथ इटली के परिवार ने थामा , अब करेगी नए जीवन की शुरुआत

बिलासपुर
 कुदुदंड में स्थित सेवा भारती मातृछाया ने निराश्रित शिशुओं के पुनर्वास में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी कड़ी में मंगलवार को संस्था की ओर से इटली की दंपती लिबर्टो गिटानो और चिओ मिन्नो मेलेनिया को नियमानुसार दस्तावेजी कार्यवाही पूरी होने के बाद तीन साल की बच्ची सजल को सौंपा गया। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष प्रदीप देशपांडे, सचिव भास्कर वर्तक एवं मधुसूदन यादव समेत बड़ी संख्या में मातृछाया परिवार के सदस्य उपस्थित थे।

छोड़े गए नवजात शिशुओं का रखते हैं ख्याल

कुदुदंड स्थित सेवा भारती मातृछाया की स्थापना वर्ष 2004 में की गई थी। संस्था का मूल उदेश्य माता-पिता द्वारा छोड़े गए शिशुओं का ख्याल रखना और लालन-पालन करना है। इसके साथ ही निराश्रित शिशुओं और निःसंतान दंपतियों के बीच की खाई को पाटना है।

छोटी सी कोशिश से बड़ा बदलाव

लता संस्था की सह सचिव लता गुप्ता ने कहा कि बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाना हमारी सबसे बड़ी जीत है। हर बच्चा एक नई उम्मीद है और सजल उन सभी में सबसे खास है।

यह पहल समाज में उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अनाथ बच्चों के जीवन में प्रेम और सुरक्षा का नया अध्याय जोड़ना चाहते हैं। सेवा भारती जैसे संगठन यह साबित करते हैं कि छोटी सी कोशिश से बड़ा बदलाव संभव है।

कारा के माध्यम से लिया गोद

कारा (सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी) भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत काम करती है। यह एजेंसी देश और विदेश में बच्चों को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया को संभालती है।

कारा को सेंट्रल अथारिटी का दर्जा प्राप्त है और अगर किसी विदेशी दंपती को भारत से बच्चा गोद लेना हो तो इसके लिए हेग कन्वेंशन के नियम लागू होते हैं। कारा इन नियमों का पालन सुनिश्चित करती है। अनाथ या सरेंडर किए गए बच्चों को मान्यता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से गोद लिया जाता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe