Homeधर्मकई सालों बाद भी अगर नहीं हुई संतान तो करें 4 अचूक...

कई सालों बाद भी अगर नहीं हुई संतान तो करें 4 अचूक उपाय ! जल्द घर में गूंजने लगेगी किलकारी

शादी के काफ़ी समय बाद भी यदि आपके घर में बच्चे की किलकारी नहीं गूंज रही है तो जरूर कुंडली में कोई न कोई दोष होगा अन्यथा संतान कारक ग्रह अस्त हो सकता है अपनी नीच राशि स्थित हो सकता है अथवा उस घर या ग्रह पर कोई ख़राब दृष्टि हो सकती है. जब तक उस ग्रह या भाव का सही से उपाय नहीं किया जाता है तब तक संतान सम्बन्धी योग नहीं बनता है.

संतान न होने के ये कारण हो सकते हैं
1- जातक की कुंडली में काल सर्प दोष, पितृ दोष संतान भाव को प्रभावित कर रहा हो.
2- संतान कारक ग्रह किसी एक या एक से अधिक पाप ग्रहों के प्रभाव में हो सकता है.
3- घर के अंदर या बेडरूम में वास्तु दोष हो.
4- राहू-केतु का सम्बन्ध संतान भाव से बन रहा हो या संतान कारक ग्रह राहू – केतु के प्रभाव में हो.
5- अगर जातक या जतिका की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति कहीं पीड़ित अवस्था में हो तब भी संतान सुख में कमी होती है.
6- रविवार का व्रत करें एवं आदित्यह्रदय स्त्रोत्र का नियमित पाठ करें.

बार बार हो सकता है मिसकैरेज

यदि इनमे से कोई भी परिस्थिति अगर बनती है तब जातक को एक या एक से अधिक बार मिसकैरेज के योग भी बनते हैं या बेबी कंसीव ही नहीं होता जबकि दम्पति मेडिकली फिट होते हैं.अगर आप में से किसी को भी है संतान सम्बंधित समस्या तो उन्हें सबसे पहले किसी अच्छे ज्योतिष को अपनी कुंडली दिखाकर उसके उपाय कर सकते हैं साथ ही हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ उपाय जो आप बिना कुंडली दिखाए करके भी संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं.

यह करें उपाय :
1- हरे पत्ते की सब्जी या पत्ते चौदह बुधवार तक काली गाय को खिलाएं.
2- भोलेनाथ को हर सोमवार पंचमेवा डालकर खीर मंदिर में दें। 16 सोमवार ऐसा करने के बाद संतान संबंधी खुशखबरी अवश्य मिलेगी।
3- संतान गोपाल मंत्र का जाप करें –
मंत्र : ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
4- पितृ दोष, कालसर्प दोष आदि सम्बंधित दोष की शांति कराएं.

कोई भी उपाय हमेशा पूर्ण समर्पण और विश्वास के साथ करें आपको निश्चित ही संतान सम्बंधित खुशखबरी मिलेगी.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe