Homeविदेशमंकीपॉक्स को लेकर डब्ल्यूएचओ क्यों हुआ चिंतित 

मंकीपॉक्स को लेकर डब्ल्यूएचओ क्यों हुआ चिंतित 

वाशिंगटन । कोरोना महामारी से अभी दुनिया पूरी तरह उबर भी नहीं हैं कि एक और जानलेवा बीमारी ने महामारी बनकर अटैक कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दो साल में लगातार दूसरे साल मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। यह घोषणा अफ्रीकी देश कांगो में महामारी के भयानक संक्रमण के बाद की गई। मंकीपॉक्स का असर पिछले साल की तुलना में इस बार 160 फीसदी ज्यादा है और यह कांगो से शुरू होकर 13 अन्य देशों में भी दस्तक दे चुका है। इस साल अभी तक मंकी पॉक्स से 517 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
एमपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के निकट जाने से फैलती है। इसमें फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे- बुखार आना, उल्टी इत्यादि। लेकिन, जो लक्षण सबसे अलग करता है- वहां शरीर पर फोड़े और मवाद बनाना है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में हर जगह फोड़े निकलते हैं। फिर उनसे मवाद आने लगाता है। यह बेहद पीड़ादायक है। कांगो में मंकीपॉक्स का प्रकोप एक स्थानिक स्ट्रेन के प्रसार से शुरू हुआ, जिसे क्लेड I के रूप में जाना जाता है। लेकिन इस बार नया वैरिएंट क्लेड Ib तबाही मचा रहा है। इस बीमारी के फैलने के प्रमुख कारणों में एक संक्रामक व्यक्ति से यौन संबंध बनाना भी शामिल है।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe