Homeविदेशमालदीव के साथ हो गया 'खेला', चीन ने अपने जाल में फंसाया;...

मालदीव के साथ हो गया ‘खेला’, चीन ने अपने जाल में फंसाया; भारत से दूरी बनाते ही मुइज्जू के आए बुरे दिन…

पिछले कुछ महीनों में भारत से दूरी बनाने वाले मालदीव के बुरे दिन शुरू हो गए हैं।

चीन के करीब जाते ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मालदीव को कड़ी चेतावनी दी है। मालदीव ने चीन से भारी कर्ज लिया है, जिससे वह उसके जाल में फंस गया है। 

इस बीच, आईएमएफ ने अलर्ट करते हुए कहा है कि मालदीव ऋण संकट के उच्च जोखिम में है। उल्लेखनीय है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सेना को बाहर करने का अल्टीमेटम दिया है।

वहीं, मालदीव को चीन ने अभी और कर्ज देने का वादा भी किया है। पिछले कुछ दशकों में चीन ने पाकिस्तान, श्रीलंका समेत कई देशों को भारी-भरकम कर्ज दे रखा है, जिसकी वजह से इन देशों की इकॉनमी बुरी हालत में पहुंच गई। 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मालदीव के विदेशी ऋण की जानकारी तो नहीं दी, लेकिन कहा कि तत्काल नीति समायोजन की जरूरत है। आईएमएफ ने मालदीव की अर्थव्यवस्था की समीक्षा के बाद कहा, “महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों के बिना, कुल राजकोषीय घाटा और सार्वजनिक ऋण ऊंचा रहने का अनुमान है। मालदीव में बाहरी और समग्र कर्ज संकट का उच्च जोखिम बना हुआ है।”

मालदीव में भारत समेत दुनियाभर से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई हिस्सा है। जबकि योजनाबद्ध हवाई अड्डे के विस्तार और होटलों में वृद्धि से विकास को बढ़ावा मिलने का अनुमान है, आईएमएफ ने कहा है कि परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता अधिक बनी हुई है।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन, जिन्होंने 2018 तक पांच साल तक शासन किया था, ने निर्माण परियोजनाओं के लिए बीजिंग से भारी उधार लिया था। विश्व बैंक के अनुसार, मालदीव को 2021 में उसके 3 बिलियन डॉलर से अधिक के विदेशी ऋण का 42 प्रतिशत चीन को देना बाकी है।

वहीं, अब पिछले कुछ दिनों में मालदीव ने चीन से ज्यादा करीबी बढ़ाई है। मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में चीन का दौरा किया था, जहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात में पर्यटन समेत 20 समझौतों पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी।

‘मालदीव से विदेशी सैन्य टुकड़ी को जल्द वापस भेजा जाएगा’
वहीं, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने बुधवार को कहा है कि मालदीव अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाकर जल्द ही उस बिंदु पर पहुंच जाएगा जहां किसी ”विदेशी” सैन्य टुकड़ी की उपस्थिति नहीं होगी। उन्होंने कुछ सप्ताह पहले भारत से मांग की थी कि वह मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुला ले।

भारत विरोधी रुख अपनाकर सत्ता में आए मुइज्जू ने एक दिन पहले घोषणा की थी कि मालदीव पानी के भीतर सर्वेक्षण करने के लिए देश की क्षमताओं को बढ़ाने के अलावा समुद्री, हवाई और स्थलीय क्षेत्रों सहित अपने सभी क्षेत्रों पर स्वायत्त नियंत्रण बनाए रखेगा।

चीन समर्थक नेता के रूप में देखे जा रहे मुइज्जू ने राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले संबोधन में कहा था कि भारतीय सैन्य कर्मियों के पहले समूह को 10 मार्च से पहले मालदीव से वापस भेज दिया जाएगा और शेष दो विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात सैन्य कर्मियों की 10 मई से पहले वापसी हो जाएगी।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe